दिल्ली में मंकीपॉक्स की दस्तक
दिल्ली के पश्चिम विहार निवासी मंकीपॉक्स से पीड़ित शख्स में करीब दो सप्ताह पहले से ही लक्षण आना शुरू हो गए थे। हालांकि, शख्स एलर्जी समझ स्थानीय डॉक्टरों से इलाज करवाता रहा। तबियत बिगड़ने पर जब शख्स एक अन्य स्थानीय डॉक्टर पर गया तो मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम शख्स को लोक नायक अस्पताल लेकर पहुंची। जहां मंकीपॉक्स की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने पीड़ित के परिजनों को आइसोलेट कर दिया है व किसी भी शख्स को बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। हालांकि, किसी भी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं हैं।
पीड़ित शख्स बीते माह 25 जून को हिमाचल प्रदेश स्थित शिमला गया था। यहां से वह 27 जून को दिल्ली लौटा। दिल्ली लौटने के बाद चार जुलाई को पीड़ित की तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद मरीज ने स्थानीय डॉक्टरों को दिखाया। बुखार बार-बार चढ़ने-उतरने के साथ बना रहा। वहीं, शरीर पर दाने होने पर मरीज स्थानीय चर्म चिकित्सक के पास पहुंचा। लेकिन, इसके बाद भी वह ठीक नहीं हुआ। स्थानीय डॉक्टर को मरीज के लक्षण देखकर संदिग्ध लगा, जिसके बाद जिला प्रशासन को सूचना दी गई।
पंजाबी बाग सब-डिवीजन एसडीएम गुरप्रीत के मुताबिक, उन्हें शुक्रवार को मामले की जानकारी मिली थी। इसके तुरंत बाद जिला प्रशासन की टीम संदिग्ध मरीज को लोक नायक अस्पताल लेकर पहुंची। जांच रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि होने पर संक्रमित के संपर्क में आए 13 लोगों को उनके घरों में ही आइसोलेट कर दिया गया है। हालांकि, किसी भी शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं हैं। मामले की गंभीरत को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम संपर्क में आए व्यक्तियों पर नजर रख रही है। अभी कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया गया है, लेकिन 21 दिनों तक संपर्क में रहे लोग अपने घरों में ही रहेंगे।
पीड़ित की पत्नी के मुताबिक, लक्षण होने पर डॉक्टरों ने चेचक की संभावना जताई थी। रविवार को मंकीपॉक्स की पुष्टि हो गई है। हालांकि, अब पति की तबीयत की ठीक है। वहीं, परिवार में मौजूद पत्नी, भाई-भाभी और माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक है। मरीज के संपर्क में आए उनके दो दोस्तों को भी उनके घरों में आइसोलेट कर दिया गया है। किसी भी शख्स में कोई लक्षण नहीं हैं। साथ ही उनके संपर्क में रहे दो डॉक्टरों व उनका स्टाफ भी आइसोलेट है।