पाकिस्तानी जेल में 26/11 हमले में शामिल आतंकी अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत
2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों की प्लानिंग में शामिल अब्दुल सलाम भुट्टावी की पाकिस्तान की जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वो पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में टेरर फंडिंग के मामले में सजा काट रहा था। 2020 में उसे लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ साढ़े 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने भी भुट्टावी की मौत की पुष्टि की है।
2011 में अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने भी भुट्टावी पर आतंकी हमलों के लिए फंड जुटाने और उग्रवादियों की भर्ती करने के आरोप लगाते हुए उस पर पाबंदियां लगा दी थी। ट्रेजरी विभाग ने कहा था- भुट्टावी ने अपने भाषणों और फतवे जारी कर आतंकियों को मुंबई पर हमले के लिए तैयार किया था। 2011 में भुट्टावी ने खुद 20 सालों तक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने की बात कबूल की थी।
2012 में UN के सिक्योरिटी काउंसिल ने भुट्टावी को आतंकवादी घोषित किया था। 2002-2008 के बीच में जब लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद को पाकिस्तान में डिटेन कर लिया था तब भुट्टावी ही आतंकी संगठन का हेड बनाया गया था। उसी समय 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। इसे 10 आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया था। हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में अमेरिका और ब्रिटेन के नागरिक भी शामिल थे।
26 नवबंर 2008 की रात पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तएबा के 10 आतंकवादी कोलाबा के समुद्री तट से एक नाव के जरिए भारत में घुसे थे। वो पूरी तरह से हथियारों से लैस थे। यहां से ये सभी आतंकवादी दो-दो के ग्रुप में बंट गए और अलग-अलग दिशाओं में बढ़ गए।
दो आतंकियों ने दक्षिणी मुंबई के कोलाबा में स्थित लियोपोल्ड कैफे को निशाना बनाया, दो आतंकियों ने नरीमन हाउस, तो वहीं बाकी आतंकी दो-दो की टोली में छत्रपति शिवाजी टरमिनस, होटल ट्राइडेंट ओबरॉय और ताज होटल की तरफ बढ़ गए।