रक्षाबंधन पर आद्या फाउंडेशन ने दिल्ली की झुग्गी बस्तियों को दिया नायाब तोहफा
दिल्ली। दिल्ली के झुग्गी झोपड़ियां और मलिन बस्तियों में अपने सेवा कार्य के लिए चर्चित आद्या फाउंडेशन एक बार पुनः रक्षाबंधन पर इन क्षेत्र में काम करके चर्चा में है।
रक्षाबंधन के दिन आद्या फाउंडेशन की फाउंडर वंदना वत्स के नेतृत्व में आद्या फाउंडेशन के तमाम स्वयंसेवकों ने दिल्ली के पहाड़गंज, चांदनी चौक, मोतियाखान की झुग्गी झोपड़ियों तथा श्रद्धानंद मार्ग स्थित रेडलाइट एरिया मे जाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम किया, इस दौरान इन क्षेत्र बच्चों और महिलाओं ने अपने गायन और नृत्य से लोगों का मन मोह लिया।
इसके साथ ही इन बच्चों और महिलाओं ने एक दूसरे को रक्षा सुत्र बांधकर रक्षा का वचन दिया। इस कार्यक्रम के अतिरिक्त इन क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों को शिक्षित होने, महिला अत्याचार खिलाफ एकजूट होने के साथ आत्मरक्षा के संगठित होने को प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम के अंत मे डाक्टर एस सी एल शर्मा ने वहां मौजूद लोगों का स्वास्थ्य जांच कर निशुल्क दवा का वितरण किया।
इस अवसर पर आद्या फाउंडेशन की फाउंडर वंदना वत्स ने कहा कि हमारी संस्था हमेशा समाज की मुख्यधारा से दूर हो चुके लोगों के साथ ही झुग्गी झोपड़ी मे रहने वाले गरीब नागरिकों के उत्थान और उन्हे शिक्षक व आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत रही है। हमारे इस काम मे हमे समाज के कई वर्गों से प्रोत्साहन भी मिलता है।
वंदना वत्स ने आगे कहा कि आद्या फाउंडेशन ने झुग्गी बस्तियों के अतिरिक्त हमारी संस्था का मुख्य उद्देश्य रेडलाईट क्षेत्रों मे काम करने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके बच्चों को शिक्षित करना है। इसके लिए हमारे स्वंयसेवक नियमित रुप से इन क्षेत्रों मे जाकर उनकी शिक्षा पर काम करते रहते है, संस्था द्वारा इन बच्चों को मुफ्त मे सभी किताबें, कापियां और बैग दिये जाते हैं।
इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के दिन भी संस्था के लोगों ने वंदना वत्स के नेतृत्व मे इन बस्तियों मे जाकर रंगारंग कार्यक्रम करने के साथ दूषित पेयजल की समस्या के समाधान के वाटर फिल्टर व मिष्ठान वितरण भी किया। इस अवसर पर संस्था के प्रमुख लोगों भारत भूषण, कमल कपूर, सागर शर्मा, नवीन, शिवहरि, विजय शर्मा, नित्यानंद राय, संजू प्रताप, गौरव यादव तथा ममता सैन शामिल रहे।
इन सभी कार्यों के अतिरिक्त वरिष्ठ कानून विशेषज्ञ सिद्धार्थ शुक्ला (एडवोकेट) आद्या फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे समाज सेवा मे सहयोग के अतिरिक्त महिलाओं और बच्चों और बुजुर्गों के लिए मुफ्त कानूनी सलाह भी मुहैया कराते हैं। सिद्धार्थ शुक्ला कानून में बुजुर्गों के लिए क्या अधिकार हैं, बच्चों के लिए क्या अधिकार है, महिलाओं और महिलाओं पर कोई अत्याचार हो रहा है, इन तमाम विषयों पर निशुल्क सलाह और सहायता देते हैं।