दिल्ली कांग्रेस 70-दिन 70 विधानसभा क्षेत्रों, 272 वार्डों और 700 किमी. में दिल्ली में भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकारों के भ्रष्टाचार, निष्क्रियता और अक्षमता को उजागर करने के लिए ‘‘पोल खोल यात्रा‘‘ निकालेगी-चौ. अनिल कुमार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस 25 अक्टूबर, 2021 से 70 दिनों तक ‘‘पोल खोल यात्रा‘‘ की शुरूआत करेगी जो भाजपा व आप पार्टी की सरकारों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार, झूठ, निष्क्रियता, और अक्षमता को उजागर करेगी। उन्होंने बताया कि यह यात्रा पूरी दिल्ली में 700 किलोमीटर की दूरी तय करते हुऐ 70 विधानसभाओें और 272 वार्डों में जाऐगी। उन्होंने बताया कि भाजपा व आप पार्टी ने देश और दिल्ली को बर्बाद कर दिया है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय राजीव भवन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए चौ. अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार के स्तर को इतनी ऊंचाई तक बढ़ा दिया है कि दिल्ली नगर निगमों में भाजपा के 15 साल के शासन ने दिल्ली को बरबाद कर दिया है क्योंकि भाजपा के भ्रष्टाचार ने एमसीडी कंगाल कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप सफाई कर्मचारियों, शिक्षकों, नर्सों, डॉक्टरों और कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है, जबकि भाजपा के मेयर और भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षद दिन-प्रतिदिन अमीर होते जा रहे है क्योंकि ये उन लोगों से जबरन रिश्वत लेते है जो लोग घरों का निर्माण या नवीनीकरण करते हैं।
आज की इस प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार के अलावा डीपीसीसी के उपाध्यक्ष जयकिशन, मुदित अग्रवाल, अली मेहंदी और शिवानी चोपड़ा और पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज और श्री सुरेंद्र कुमार सहित दिल्ली कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्ष भी मौजूद थे ।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ‘‘पोल खोल यात्रा‘‘ भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकारों के भ्रष्टाचार, गैर-प्रदर्शन और अक्षमता को पूरी तरह से उजागर करेगी, और इन पार्टियों के नेता जो लोगों को गुमराह करने के लिए आए दिन झूठ पर झूठ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे एमसीडी चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता फिर से लोगों से बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, खासकर जेजे क्लस्टर्स, अनधिकृत कॉलोनियों, पुनर्वास कॉलोनियों आदि। कांग्रेस की पोल खोल यात्रा ऐसे भ्रष्ट नेताओं के असली चेहरों को दिल्ली की जनता के सामने उजागर करेगी।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली आज प्रगति और विकास के लिए नहीं जानी जाती बल्कि भ्रष्टाचार, कोविद -19 महामारी कुप्रबंधन, गन्दा पानी, जल भराब, टुटी सड़के, प्रदूषण, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के लिए जानी जाती है। उन्होंने बताया कि आज दिल्ली की जनता केन्द्र की मोदी सरकार व दिल्ली की केजरीवाल सरकार के कारण कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रही है जैसे-सभी आवश्यक वस्तुएं के दामों में बढ़ोत्तरी, बेरोजगारी, सार्वजनिक संपत्तियों को औने-पौने दामों पर भाजपा के साथियों को बेचना इत्यादि और लोगों की आर्थिक दुर्दशा के कारण लाखों अभिभावकों को अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए जाना पड़ा। ये सब परिस्थितियां कोविड-19 महामारी संकट के कारण उत्पन्न हुई है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि जब कांग्रेस 15 साल तक दिल्ली में सत्ता में थी, तो दिल्ली को दुनिया के सबसे अच्छे शहरों में से एक बनाने का सपना था। कांग्रेस ने शिक्षण संस्थानों को शीर्ष श्रेणी में रखा, प्रदूषण की जाँच की, सार्वजनिक परिवहन और ऑटो में सीएनजी की शुरूआत की, और मिट्टी के तेल पर प्रतिबंध, और झुग्गी निवासियों के पुनर्वास के लिए इन-सीटू फ्लैटों का निर्माण शुरू करना जैसी योजनाएं बनाई, लेकिन अरविंद सरकार के सात साल के शासन ने दिल्ली में प्रगति और विकास के सभी मानकों को सबसे निचले स्तर पर ला कर खड़ा कर दिया है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि जब दिल्ली में कोविद -19 महामारी ने तेजी से फैल रहा था तो उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द ने गरीब लोगों की मदद करने की बजाय अपने राजसी सरकारी आवास पर खुद को बन्द कर लिया था, जिसके कारण मजदूरों को मदद न मिलने के कारण दिल्ली से पलायन कर गए। तो ऐसे में उन गरीब लोगों की मदद के लिए दिल्ली कांग्रेस आगे आई और दिल्ली कांग्रेस ने उन्हें पका हुआ भोजन, सूखा राशन, मास्क, साबुन और सैनिटाइजर प्रदान किया, यात्रा की व्यवस्था की, आर्थिक मदद दी और यहां तक कि डीपीसीसी कार्यालय, राजीव भवन और अन्य स्थानों पर उनके ठहरने की व्यवस्था भी की।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कोरोना के कारण दिल्ली में 50,000 से अधिक लोग मारे गए क्योंकि अरविंद सरकार और भाजपा शासित एमसीडी मेडिकल ऑक्सीजन, दवाओं और अस्पताल के बिस्तरों की व्यवस्था करने में विफल रही, यहां तक कि श्मशान और कब्रिस्तान में जगह की कमी थी, और शवों का ढेर लगा रहता था। इन स्थानों के बाहर अंतिम संस्कार के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे होते थे। उन्होंने कहा कि अरविंद सरकार ने उन सभी कोरोना योद्धाओं जो कोरोना ड्यूटी के दौरान मारे गए, जैसे सफाई कर्मचारियों, पैरामेडिक्स, नर्सों, डॉक्टरों आदि को एक-एक करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की लेकिन कुछ चुनिंदा लोगों को ही ऐसे पुरस्कार दिए गए, और यही हाल उन लोगों का भी था जिनकी मौत बिना मेडिकल ऑक्सीजन के हुई थी। DDS