हिमाचल का एग्जिट पोल:कांग्रेस को 33 से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर नजर आ रही है। राज्य के वोटर 5 साल बाद सरकार बदलने की परंपरा की तरफ भी रुझान दिखा रहे हैं।
हिंदी समाचार पत्र दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल के मुताबिक हिमाचल में कांग्रेस को 30 से 38 सीटें मिल सकती है। 68 सीट वाली हिमाचल विधानसभा में बहुमत के लिए किसी भी दल को 35 सीटें चाहिए। BJP भी कांग्रेस से बहुत ज्यादा पीछे नहीं है। उसे 25 से 33 सीटें मिल सकती हैं। निर्दलियों को 1 से 5 सीटें मिलने के आसार हैं।
8 दिसंबर को काउंटिंग के बाद कांग्रेस या BJP को पूर्ण बहुमत न मिलने की सूरत में निर्दलीय ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकते हैं।
सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी का खाता खुलने की उम्मीद नहीं दिख रही। फतेहपुर से पार्टी कैंडिडेट राजन सुशांत को छोड़ दें तो बाकी सीटों पर AAP प्रत्याशियों के लिए जमानत बचाना भी मुश्किल नजर आ रहा है।
राज्य की 10 सीटों पर बेहद कड़ा मुकाबला है और यहां हार-जीत का मार्जिन बहुत कम रहने के आसार हैं। बागियों से इस बार कांग्रेस और BJP, दोनों परेशान रहीं। लगभग आधा दर्जन सीटों पर बागी पार्टी प्रत्याशियों की जीत-हार तय करते दिख रहे हैं।
कांग्रेस के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) ट्रंप कार्ड साबित होती नजर आ रही है। कर्मचारियों का स्टेट कहलाने वाले हिमाचल में कांग्रेस की ओर से पहली ही कैबिनेट में OPS लागू करने की गारंटी खुद प्रियंका गांधी ने दी।
18 साल से बड़ी उम्र की सभी महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए की गारंटी और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा भी कांग्रेस के पक्ष में गया।
हालांकि इसी तरह के वादे आम आदमी पार्टी ने भी किए लेकिन AAP नेतृत्व की ओर से हिमाचल पर फोकस न करने का बेनिफिट कांग्रेस को मिला।
BJP को सबसे बड़ा झटका ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पर उसके स्टैंड से लगा। 10 सिटिंग MLA के टिकट काटने के साथ-साथ महंगाई, बेरोजगारी और 5 साल की एंटी इनकंबेंसी ने भी कुछ हद तक पार्टी को नुकसान पहुंचाया। कोरोनाकाल में सेहत विभाग में हुए घोटाले, पुलिस भर्ती पेपर लीक और JBT, TGT, JOA-IT जैसी भर्तियां सिरे न चढ़ पाना भी BJP के खिलाफ जाते नजर आए।