किसानों की हत्या करने वाले कातिल को बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय समेत पूरी भाजपा उतर आयी है- सौरभ भारद्वाज
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि किसानों की हत्या करने वाले कातिल को बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय समेत पूरी भाजपा उतर आयी है। कोर्ट में कातिल की बेल को डिफेंड करने के लिए आशीष मिश्रा की तरफ से मोदी सरकार में सॉलिसिटर जनरल रहे वकील रंजीत कुमार और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भाजपा के सांसद महेश जेठमलानी पेश हुए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष टेनी को बचाने के लिए भाजपा की योगी सरकार और पुलिस मामले को कमज़ोर करने में लगी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि आप अपनी पार्टी के केंद्रीय गृह मंत्री और उसके बेटे को बचाने के लिए खुल्लमखुल्ला जांच में गड़बड़ी कर रहे हैं। एसआईटी जांच कर रहे हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज ने एफिडेविट में कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश सरकार को इसके खिलाफ़ अपील करने के लिए कहा, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार अपील करने नहीं गई। भाजपा की सरकार के अंदर गुंडे और लफंगो को संरक्षण दिया जाता है। गुंडा, कातिल और बलात्कारी यदि भाजपा में चला जाए तो उनको बचाने के लिए तिरंगा यात्रा निकलती है
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में भाजपा के सिटिंग मिनिस्टर अजय मिश्रा उर्फ टेनी की गाडी से उनके बेटे आशीष मिश्रा ने 2021 में लखीमपुरी खीरी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर, करीब 4 किसानों की हत्या कर दी। यह मामला वीडियो के अंदर कैद हुआ। जिसके अंदर देखा जा सकता था की भाजपा के केंद्र सरकार के मंत्री की गाड़ी में मंत्री के बेटे ने निहत्थे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। उस घटना से एक हफ्ते पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने किसानों को धमकी दी थी कि "मैं तुम्हे देख लूंगा " और एक हफ्ते बाद उनके पुत्र ने अपने भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ हत्या की।
उन्होंने कहा कि उसके बाद पुलिस एफआईआर नहीं दर्ज कर रही थी। एफआईआर के अंदर मंत्री के बेटे का नाम नहीं डाल रही थी। बड़े दवाब के बाद नाम डाला गया। इसके बाद हत्या के आरोप में दफ़ा 302, 120बी, 338, 304, 142, 149 लगने के बावजूद केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस से पूछा कि ऐसा कोई और उदाहरण है कि 302 के मुक़दमे के आरोपी को आप गिरफ्तार ही नहीं कर पा रहे हैं। आप उसको समन भेज रहे हैं और वह आ नहीं रहा है। अबतक आप उसको गिरफ्तार नहीं कर पा रहे। इसके बाद कोर्ट के निर्देश पर मंत्री के बेटे गिरफ्तार किए गए।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उसके बाद बार-बार पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा। यह सामने आया की पूरी की पूरी भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा की केंद्र सरकार एक हत्यारे को बचाने के लिए लगी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके लोग जो आईपीएस अधिकारी जांच कर रहे हैं उनको बदलो। कोर्ट ने और अफसरों को जांच में लगाया। एसआईटी के अंदर अफसरों को बदला गया। एसआईटी कि जांच कर रहे सेवानिवृत्त हाई कोर्ट के जज तक को सुप्रीम कोर्ट ने बदला और कहा कि क्योंकि यह उत्तर प्रदेश से आते हैं, ऐसे में आप पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को लगाइए। उनको लगा कर जांच कराई गई।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि यहां तक उत्तर प्रदेश पुलिस की खिंचाई इस बात पर भी की गई आपने इतने सारे गवाह होने के बावजूद उनके एविडेंस रिकॉर्ड क्यों नहीं किए? 164 के बयान आप मजिस्ट्रेट के सामने क्यों नहीं करा रहे हैं? अभी तक मीडिया और लोगों के पास जो वीडियो आए हैं, उनकी फॉरेंसिक जांच तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने करना ज़रूरी नहीं समझा। आरोपियों के मोबाइल तक ज़ब्त नहीं किए गए। यह सवाल सीधा -सीधा सुप्रीम कोर्ट ने उठाए। इसके अलावा जानबूझकर कई एफआईआर को आपस में जोड़ा गया, ताकि मामले को हल्का कर दिया जाए।
मतलब एक एफआईआर है कि आपने किसी के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। उसके ऊपर भाजपा के कार्यकर्ताओ से मॉब लींचिंग की एफआईआर करा दी गई। अब जानबूझकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने दोनों एफआईआर को मिलाकर जांच करने की कोशिश की। ताकि मामला ख़राब और उलझ जाए। जिसको सुप्रीम कोर्ट ने रोका। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बार बार उत्तर प्रदेश पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई की कि आप अपनी पार्टी के केंद्रीय गृह मंत्री और उसके बच्चे को बचाने के लिए खुल्लमखुल्ला जांच के अंदर गड़बड़ी कर रहे हैं। आप सीधा सीधा आरोपी का साथ देते हुए दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के अंदर आज यह मामला सुना गया। जिस आरोपी को बेल मिली, उसकी बेल के खिलाफ भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार नहीं गई। वरना आरोपी को बेल मिलती है तो सरकार दूसरी कोर्ट में जाकर अपील करती है कि यह बेल गलत मिली है। एसआईटी के अध्यक्ष और पंजाब और हरियाणा के हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज ने एफिडेविट में बताया कि मैंने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि आप इसके खिलाफ़ अपील में जाएं, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं गई। जिनके बच्चे मरे हैं और जो पीड़ित हैं उन लोगों को सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा। यह कहने के लिए कि हाई कोर्ट में हमारी सुनवाई तक नहीं की गई। बड़ी शर्म कि बात है कि सुप्रीम कोर्ट को उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट के बारे में लिखना पड़ रहा है कि यूपी के हाई कोर्ट ने विक्टिम कि बात ही नहीं सुनी और बिना उनको सुने अजय कुमार के बेटे आशीष मिश्रा को बेल दे दी गई। एसआईटी के जज के कहने के बावजूद उसकी अपील करने के लिए वह आगे नहीं आए और अपील खुद विक्टिम को करनी पड़ी।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कार्यालय और इंवेस्टिगेटिंग अफसर तक सभी लोग निहत्थे किसानों की हत्या करने वाले कातिल की बेल को डिफेंड करने के लिए उतर आए। हर वह साजिश की जिससे उस कातिल को बचाया जाए। वहीं आशीष मिश्रा की तरफ से वकील रंजीत कुमार और उत्तर प्रदेश की सरकार तरफ से महेश जेठमलानी पेश हुए। महेश जेठमलानी भाजपा के सांसद और नेशनल एग्जीक्यूटिव मेंबर हैं। रंजीत कुमार 2014 में मोदी की पहली सरकार में सॉलिसिटर जनरल बने।
उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन और पूरी भारतीय जनता पार्टी एक कातिल को बचाने के लिए उसके साथ खड़ी है। यह कहना ठीक होगा की भाजपा की सरकार के अंदर गुंडे और लफंगो को संरक्षण दिया जाता है। गुंडा, कातिल और बलात्कारी यदि भाजपा में चला जाए तो भाजपा उनको बचाने के लिए तिरंगा यात्रा निकलती है।
उन्होंने कहा कि जम्मू के कठुआ में बलात्कारियों के समर्थन में इन्होंने तिरंगा यात्रा निकाली। हाथरस के अंदर बलात्कारियों और खूनियों के साथ पूरी सरकार खड़ी हो गई। कुलदीप सिंह सेंगर के पक्ष में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर कहा कि हमारे विधायक निर्दोष हैं। ऐसे में आज की तारीख में गुंडे, कातिल, बलात्कारी को लगता है कि काश में भारतीय जनता पार्टी में होता तो भाजपा हमारे समर्थन में नीचे से ऊपर तक उतर आती। इस बेशर्मी के साथ उतर आती है कि ऐसा लगता है कातिल और बलात्कारियों के साथ खड़ा होना ही देशभक्ति है। DDS