प्रदेश में 46 मौतें हो चुकीं हैं और सात हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है - पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दावा किया कि आपदा प्रबंधन में सरकार से कोई चूक नहीं हुई है, बल्कि रिकॉर्डतोड़ बारिश से यह नौबत आई है। चंपावत में आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे के दौरान करने के बाद पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आपदा में अब तक प्रदेश में 46 मौतें हो चुकीं हैं और सात हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है। सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने 17 अक्तूबर से बचाव के लिए कदम उठाए हैं, जिससे नुकसान को कम करने में सफलता मिलने का सीएम ने दावा किया है।
सीएम ने कहा कि स्थलीय दौरा कर कमियों को दूर करेंगे। वहीं 21 अक्तूबर से आपदा प्रबंधन विभाग के कार्मिकों की हड़ताल के सवाल पर उन्होंने कहा कि संगठन से हड़ताल न करने की अपील करेंगे। आपदा के मानकों में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार से बात करेंगे।
देहरादून जाते वक्त पंतनगर में पत्रकावार्ता में सीएम ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से सात हजार करोड़ रुपये की मदद मांगी गई है। आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने दो हेलिकॉप्टर भेजे हैं। सीएम ने कहा कि प्रदेश कोरोना महामारी से उबरने लगा था, लेकिन भारी बारिश ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। प्रदेश में कई जगहों पर संपर्क मार्ग टूट गए हैं। लोगों के घरों और मवेशियों को भी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में प्रदेशवासियों के साथ ही विपक्षी पार्टियों को भी सरकार के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायु सेना की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य लगीं हैं। मूसलाधार बारिश से प्रदेश के सभी जिले प्रभावित हुए हैं। सरकार के सभी मंत्री, संगठन के कार्यकर्ता राहत बचाव में जुटे हुए हैं।
जिला प्रशासन ने दैवीय आपदा से हुए नुकसान का प्रारंभिक आंकड़ा जारी कर दिया है। डीएम की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार जिले को दैवीय आपदा से 8342 का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे अधिक नुकसान सिंचाई और लोक निर्माण विभाग को हुआ है। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि ये प्रारंभिक आंकड़ा है, एक सप्ताह में पूरे नुकसान की सही स्थिति का पता चल जाएगा।
तीन दिन की बारिश ने पहाड़ और मैदान में धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। कृषि विभाग की टीम के सर्वे में बताया गया है कि ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जनपद में किसानों की धान की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। TNI