17 हाइड्रोपावर परियोजनाओं के लिए केंद्र से पैरवी करेंगे पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य की 17 जल विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी के लिए जल शक्ति मंत्रालय का दरवाजा खटखटाएंगे। 21 सितंबर को किसाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना को लेकर मंत्रालय में बैठक है। इस बैठक में मुख्यमंत्री मंत्रालय से राज्य की निर्विवाद सूची में शामिल सभी बिजली परियोजनाओं की मंजूरी के लिए पैरवी करेंगे।
बकौल मुख्यमंत्री, इन परियोजनाओं के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिल चुकी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से हरी झंडी के साथ ही इन परियोजनाओं का मार्ग खुल जाएगा। अपने 48वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को साझा किया।
एक जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने गंगा और उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित और निर्माणाधीन 24 बड़ी बिजली परियोजनाओं पर अंतरिम रोक लगाई थी। इसके लिए विशेषज्ञ समिति बनाई गई थी, जिसने इन परियोजनाओं को हरी झंडी दी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने भी अपने शपथ पत्र में परियोजनाओं का समर्थन किया। लेकिन तत्कालीन जल संसाधन मंत्रालय जो वर्तमान में जल शक्ति मंत्रालय में बदल गया है, ने अपने शपथपत्र में परियोजनाओं का विरोध किया था। अब इन परियोजनाओं का भविष्य जल शक्ति मंत्रालय की मंजूरी पर टिका है।
परियोजनाओं के निर्माण के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से व्यहार्यता अंतर वित्त पोषण वाइबिलिटी गेप फंडिंग (वीजीएफ) की भी मांग करेगी। वित्त मंत्रालय ने ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं को वित्तीय समर्थन देने के लिए यह योजना आरंभ की है। सरकार का मानना है कि परियोजनाओं में देरी होने से उनकी लागत में बढ़ोतरी हुई है, इसे वित्तीय बोझ को साझा करने के लिए केंद्र से गेप फंडिंग की मांग की जाएगी।
इको सेंसिटिव जोन की वजह से भागीरथी नदी पर जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण अब बहुत मुश्किल है। इसलिए सरकार अलकनंदा नदी पर प्रस्तावित योजनाओं पर फोकस कर रही है। यमुना घाटी और पिथौरागढ़ जिले में परियोजनाओं का निर्माण अपेक्षाकृत ज्यादा महंगा है।