केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मियों ने दी सरकार को चेतावनी, मांगें पूरी हो अन्यथा करेंगे भूख हड़ताल
केंद्रीय विद्यालय के रिटायर्ड कर्मियों के ग्रैंड चिल्ड्रेन के नामांकन पर लगे रोक की वापसी हेतु एवं अन्य मुद्दों को लेकर देश भर के रिटायर्डकर्मी का जंतर मंतर पर धरना
केंद्रीय विद्यालय संगठन के सेवानिवृत्त कर्मियों के नाती-पोतों के नामांकन पर केंद्र सरकार द्वारा रोक लगा देने की तुगलकी फरमान जारी किए गये हैं। इस आदेश से सारे सेवानिवृत्तकर्मी आहत हैं। जिन्होंने जीवन के 30-35 वर्षों का स्वर्णिम काल देश के भविष्य निर्माण में आहुत की। देश के रक्षकों के साथ उनके बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली। राष्ट्रीय सीमा के उन दुर्गम स्थानों पर उनके परिवार एवं बच्चों के साथ कठोर जीवन यापन किया।उसका सिला यह कि आज इनके ही बच्चे इस पुरानी सुविधा से वंचित हुए हैं।
ऐसे आहतकारी और शिक्षा के अधिकार से वंचित करने वाले फरमान वापस लेने हेतु 20 जून को जंतर मंतर,नई दिल्ली पर देशभर से आए केविएस रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिक रैली कर धरना दिया।
केंद्रीय विद्यालय संगठन रिटायर्ड टिचर्स इम्प्लाइज वेलफेयर सोसायटी (केविएस आरटीईडब्लूएस) के राष्ट्रीय महासचिव जगत सिंह एवं अध्यक्ष डॉ बी एन सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार से कई प्रमुख मांगों को मानने हेतु दबाव बनाया जाएगा, इन प्रमुख मांगों में कुछ मां निम्नलिखित है।
1- ग्रैंड चिल्ड्रेन का एडमिशन पर लगे रोक को सरकार अविलंब वापस ले। चुंकि इनके एडमिशन में आम केंद्रीय कर्मियों के बच्चों के एडमिशन में दिए जाने वाले आरक्षण एवं कक्षावार निर्धारित सीट को कहीं प्रभावित नहीं करती है ।
2- 10 मई को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के सीपीएफ धारकों के लिए पेंशन में बदलाव का जो निर्णय आया है उसे केवि रिटायर्ड कर्मियों पर भी लागू करे।
3- एमएसीपी केविएस के शिक्षकों, प्राचार्यों एवं सहायक आयुक्त रिटायर्ड एवं कार्यरत दोनों ही के लिए लागू हो।
4- 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर्ड कर्मचारियों हेतु माननीय न्यायालय के आदेशानुसार नोशनल(एक अतिरिक्त इन्क्रिमेंट)वेतन वृद्धि लागू हो।
5- पूरे देश में सीजीएचएस सुविधा केविएस के रिटायर्ड और कार्यरत्त कर्मियों के लिए लागू हो।
6- 24 वर्ष पुरा करने के पश्चात उन्हें चयनित वेतनमान लागू हो।
इन छः सूत्री मांगों को लेकर 20 जून को सेवानिवृत्त वृद्धों(सिनियर सिटीजन) द्वारा दिल्ली जंतर-मंतर पर शांति पूर्ण विरोध रैली कर धरना दिया गया, जिसमे भारत के सभी राज्यों से आये सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया.
(DDS)