राजवर्धन सिंह परमार की चेतावनी सभ्यता के साथ रहे अल्पसंख्यक या देश छोड़ें
भारत सनातन परंपरा का देश है जिस व्यक्ति को इस देश से इसकी सभ्यता से प्यार हो वह इस देश में रहे जिसे इस देश की संस्कृति और सभ्यता से प्यार नहीं है वह देश छोड़कर जा सकता है।
उपरोक्त बातें महाराणा प्रताप सेना के संस्थापक राज्यवर्धन सिंह परमार ले हिंदू हृदय सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जयंती पर आयोजित एक भव्य समारोह को संबोधित करते हुए कही।
राजवर्धन सिंह परमार ने देश के मुख्यधारा से दूर हुए अल्पसंख्यकों को चेतावनी देते हुए कहा अल्पसंख्यक समुदाय इस देश के सभ्यता से प्यार करें सभ्यता के साथ रहें वरना महाराणा प्रताप सेना उन्हें देश में रहने नहीं देगी। राज्यवर्धन सिंह परमार ने महाभारत का हवाला देते हुए कहा कि पांडवों ने कौरवों से सिर्फ 5 गांव मांगे थे लेकिन कौरवों ने 5 गांव भी नहीं दिए, उसके बाद महाभारत का युद्ध हुआ जिसमें कौरवों को अपना सब कुछ हारना पड़ा।
इसी तरह से भारत के हिंदुओं ने अल्पसंख्यक समुदाय से भारत के 3 मंदिरों को मांगा था अयोध्या मथुरा और काशी लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय ने इस पर ध्यान नहीं दिया अब हिंदू समुदाय 3 नहीं जितने भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बने थे सभी पर अपना दावा करेगी। राजवर्धन सिंह परमार ने आगे कहा कि अब याचना का समय चला गया है अब याचना नहीं अब रण होगा संघर्ष बड़ा भीषण होगा।
दिल्ली के विट्ठल भाई पटेल हाउस में सम्राट पृथ्वीराज की जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राजवर्धन सिंह परमार ने आगे कहा कि क्षत्रिय समुदाय ने राष्ट्रहित में हमेशा त्याग और बलिदान दिया है राजपूतों का पूरा इतिहास त्याग और बलिदान से भरा पड़ा है। अभी भी देश को जब भी जरूरत होगी क्षत्रिय समुदाय देश हित में सबसे आगे खड़ा होगा। राजवर्धन सिंह परमार ने कहा कि इस देश में जितने भी स्थल स्मारक सड़क के नाम गुलामी के पूर्व या मुगलों के नाम पर रखे गए हैं उन सभी को शीघ्र भारत के महापुरुषों स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा जाए इसके साथ ही दिल्ली के लाल किले में सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मूर्ति की स्थापना हो। राजवर्धन सिंह परमार कहा कि महाराणा प्रताप सेना दिल्ली नगर पालिका परिषद से यह निवेदन करती है कि अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप मार दिया जाए हुमायूं रोड का नाम बदलकर अहिल्याबाई होलकर मार्ग किया जाए इसके साथ ही शाहजहां रोड का नाम परशुराम रोड किया जाए। यदि नई दिल्ली पालिका परिषद और सरकार ने इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो महाराणा प्रताप सेना स्वयं इन सड़कों का नाम परिवर्तित करेगी।
इससे पूर्व महाराणा प्रताप सेना के तमाम कार्यकर्ताओं ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी याद में दीप जलाएं।