सोनिया गांधी से मिलीं महबूबा मुफ्ती :पीके की रणनीति पर काम शुरू
पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को सोनिया गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। कयास लगाए जाने लगे हैं कि महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस एक बार फिर से कश्मीर घाटी में मिलकर चुनावी जमीन तैयार करने में जुट गए हैं। दोनों नेताओं की यह मुलाकात इस लिहाज से और अहम मानी जा रही है, क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव कराए जाने की सुगबुगाहट हो रही है। इन सबसे अलग कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद राजनैतिक मोहरे बिछाकर दांव लगाने शुरू कर दिए हैं। सोमवार को महबूबा मुफ्ती की मुलाकात उसी कड़ी का एक बड़ा हिस्सा है। वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बीते कुछ दिनों में तमाम बड़े राजनैतिक संगठनों के नेताओं और उनके साथ हो रही अलग-अलग राज्यों के नेताओं की बैठकें भारतीय जनता पार्टी को घेरने के लिए की जा रही है। ताकि आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में पूरा विपक्ष मिलकर भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कर सके।
कांग्रेस में इन दिनों राजनीतिक उठापटक जबरदस्त तरीके से चल रही है। शनिवार को जहां राजनैतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक हुई वहीं सोमवार को पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक ने देश के राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग तरह की चर्चाओं और उनके मायने तलाशने शुरू कर दिए। कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि देश में भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए सभी ताकतों को इकट्ठा होना ही होगा। उक्त नेता का कहना है कि जिस तरीके का माहौल देश में बना हुआ है उससे सभी राजनीतिक दल चिंतित हैं। वह कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की इस तरीके की राजनीति को रोकने के लिए सभी दलों को अलग-अलग राज्यों में ही सही लेकिन एकजुट होकर मुकाबला तो करना ही पड़ेगा। उक्त नेता का कहना है कि पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती की सोनिया गांधी से हुई मुलाकात इसी कड़ी में एक बड़ा कदम माना जा सकता है।
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि जिस तरीके से शनिवार को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सोनिया गांधी प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं के साथ मुलाकात हुई, उसके बाद महबूबा मुफ्ती की मुलाकात एक बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सोमवार को महबूबा मुफ्ती की मुलाकात के पीछे प्रशांत किशोर का राजनीतिक दांव है। सूत्र बताते हैं कि सोमवार को ही सोनिया गांधी के साथ महबूबा से की मुलाकात में प्रशांत किशोर समेत कई वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। सूत्रों का कहना है कि महबूबा मुफ्ती का कांग्रेस के साथ मिलना कम से कम कश्मीर की राजनीति में एक बड़ी हलचल पैदा करने वाली मुलाकात है। राजनीतिक विश्लेषक एमएम पांडेय कहते हैं कि कश्मीर में जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी अपनी राजनैतिक जमीन को मजबूत कर रही है उसके लिए कांग्रेस और वहां के तमाम छोटे-छोटे दलों को भी अपनी जमीन मजबूत करने के लिए ऐसे गठबंधन करना लाजमी है। पांडे कहते हैं कि इस बार कश्मीर में मामला सिर्फ कांग्रेस और पीडीपी या नेशनल कांफ्रेंस का नहीं बल्कि वहां के चुनावों में आम आदमी पार्टी के एंट्री को लेकर के भी सभी राजनीतिक दल अपने नफा नुकसान का आकलन कर रहे हैं। TNI