ख़ोरी गाँव मे काली दीपावली मनाई गई
पूरे देश के लिए सोमवार को जगमग दीपावली थी, परंतु फरीदाबाद के खोरी के लिए यह एक काली दीपावली थी।
खोरी गांव में विध्वंस के बाद यह दिपावली का दूसरा साल है और आज भी खोरी गांव के लोग पुनर्वास के लिए तरस रहे हैं सिर्फ 1009 लोगों को पुनर्वास के लिए पात्र माना गया है बाकी 10000 परिवारों को विस्थापित करके छोड़ दिया गया है।
यहां के रहने वालों ने आरोप लगाया कि यह कार्यवाही भेदभाव पूर्ण वह एक तरफा है क्योंकि दूसरी तरफ बड़े-बड़े फार्म हाउस शैक्षणिक संस्थान उद्योगपतियों की बिल्डिंग को 3 महीने का वक्त देने के बावजूद भी अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है यह सुप्रीम कोर्ट की सरासर अवमानना है।
नगर निगम और वन विभाग केवल और केवल गरीब लोगों को उजाड़ने में लगा हैं अब हम लोग न्याय के लिए कहां जाएं जब वर्तमान सरकार ही छठ छठ कर कार्यवाही कर रही है।
ज्ञात हो कि 7 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने खोरी कॉलोनी में हुए सभी अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश निगम प्रशासन को दिया था। तमाम जद्दोजहद के बाद 14 जुलाई 2021 से निगम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की। 4 अगस्त 2021 को तोड़फोड़ की कार्रवाई खत्म कर दी गई। इसके बाद डबुआ कॉलोनी में बने फ्लैटों की मरम्मत का काम नगर निगम ने पिछले महीने 15 मार्च को शुरू किया है।
नगर निगम के सीनियर आर्किटेक्ट बीएस ढिल्लो ने बताया कि खोरी कॉलोनी के कुल 6100 लोगों ने पुनर्वास के लिए आवेदन किया था। जिनके कागजों की जांच पड़ताल के बाद 1027 लोग पात्र पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि करीब 2 हजार आवेदन दो-दो बार किए गए थे। उन्होंने बताया कि अभी 2 हजार आवेदनों की जांच की जा रही है। डबुआ कॉलोनी में कुल 1968 फ्लैट खाली हैं। मरम्मत का काम पूरा होने के बाद पात्रों को उसमें शिफ्ट किया जाएगा। वैसे 30 अप्रैल से पहले सभी फ्लैटों की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। DDS