पिनाका एमके-आई रॉकेट प्रणाली तथा पिनाका एरिया डेनियल म्यूनिशन रॉकेट प्रणाली का डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण
पिनाका एमके- आई (और अधिक खूबियों के साथ) रॉकेट प्रणाली (ईपीआरएस) तथा पिनाका एरिया डेनियल मुनिशन (एडीएम) रॉकेट प्रणाली का पोखरण फायरिंग रेंज में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। पिछले पखवाड़े में विभिन्न रेंज और युद्धक क्षमताओं के साथ कुल 24 ईपीआरएस रॉकेटों का परीक्षण किया गया। ट्रायल के दौरानपरीक्षण के सभी उद्देश्यों को संतोषजनक तरीके से पूरा करते हुए इन रॉकेटों के द्वारा आवश्यक सटीकता और स्थिरता हासिल की गई थी। इन परीक्षणों के साथ ही, रक्षा उद्योग के द्वारा ईपीआरएस के टेक्नोलॉजीअब्सॉर्प्शन का प्रारंभिक चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और इस क्षेत्र के भागीदार रॉकेट प्रणाली के उपयोगकर्ता परीक्षण / श्रृंखलाबद्ध उत्पादन के लिए तैयार हैं।
पिनाका रॉकेट प्रणाली को पुणे की आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान द्वारा विकसित किया गया है, जिसे डीआरडीओ के पुणे स्थित एक अन्य संस्थान उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग सेडिजाइन किया गया है।
ईपीआरएस रॉकेट प्रणाली का उन्नत संस्करण है, जो पिछले एक दशक से भारतीय सेना के साथ सेवा में है। उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस प्रणाली को उच्च श्रेणी की प्रौद्योगिकियों के साथउन्नत किया गया है। पिनाका के उन्नत रेंज संस्करण की प्रदर्शन प्रभावकारिता स्थापित करने के बाद प्रौद्योगिकी को रक्षा उद्योगों जैसे म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्सलिमिटेड नागपुर में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस अभियान के दौरान डीआरडीओ से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत एमआईएल द्वारा निर्मित रॉकेटों का परीक्षण किया गया। पिनाका रॉकेट प्रणाली मेंइस्तेमाल किए जा सकने वाले म्यूनिशन और फ़्यूज़ के विभिन्न रूपों का भी पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने रिकॉर्ड समय में उन्नत प्रौद्योगिकियों पर आधारित नए डिजाइन के उन्नत रॉकेटों के परीक्षणों को पूरा करने के लिएटीमों को बधाई दी है।