स्थाईकरण की मांग को लेकर पूरे देश के मनरेगा कर्मचारियों ने किया दिल्ली मे प्रदर्शन

स्थाईकरण की मांग को लेकर पूरे देश के मनरेगा कर्मचारियों ने किया दिल्ली मे प्रदर्शन

मनरेगा दिवस के अवसर पर दिल्ली जंतर मंतर नई दिल्ली पर अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ, नई दिल्ली के तत्वाधान में देश के विभिन्न राज्यों गुजरात , उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड , झारखण्ड, बिहार,हरियाणा ,पंजाब ,राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम ,जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, त्रिपुरा, मेघालय नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मिजोरम, सहित अन्य सभी राज्यों के मनरेगा कर्मचारी अपनी वेतनमान और नौकरी परमानेंट सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष जोरदार धरना - प्रदर्शन कर अपनी मांगों और समस्याओं को रखने का काम किया ।

मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पीएमओ , भारत सरकार,नई दिल्ली, केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली को दिया है और लोकसभा चुनाव के आचार संहिता लगने के पहले देश के तमाम मनरेगा कर्मचारियों को उनका हक वेतनमान और सेवा स्थाईकरण करने का मांग किया है। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू हेमंत राव, राष्ट्रीय महासचिव चिदानंद कश्यप ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश सोरेन, राष्ट्रीय संयोजक घनश्याम राज ,सहसंयोजक कुकिल बरुआ, राष्ट्रीय सचिव नीरज सिंह ,कल्याणी पुजारी ,पारधा सारथी, गोवर्धन ठाकुर, आशीष बघेल ,बक्शीस संधू ,महेंद्र कुमार , जितेंद्र परमार, रघुनाथ पटेल, परेश दास ,गौतम कोच सहित सैकड़ो साथियों ने उपस्थित होकर अपने विचार रखा और मांग नहीं पूरी होने की स्थिति में आंदोलन और तेज करने का निर्णय लिया है।

अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ नई दिल्ली की मांगें - 1- वर्षों से मनरेगा में कार्य कर रहे मनरेगा कर्मियों को वेतनमान के साथ सरकारी सेवक घोषित किया जाए अथवा केंद्र / राज्यों के समकक्ष पदों पर समायोजित करने हेतु प्रावधान बनाते हुए गाइडलाइन जारी किया जाए।

2- सरकारी कर्मचारी घोषित किए जाने तक तत्काल प्रभाव से कंटीन्जेंसीज मद से मानदेय के बजाय वेतन कोष का गठन कर अथवा कंटीन्जेंसीज को 6% से बढ़ाकर 20% किया जाए जिससे मनरेगा में कार्य करने वाले ग्राम रोजगार सेवकों को ₹40000 /- न्यूनतम मानदेय नियमित भुगतान हेतु आदेश दिए जाएं।इसी तरह अन्य पदों पर कार्य कर रहे कर्मियों का मानदेय निर्धारित कर भुगतान किया जाए।

3- मनरेगा कर्मियों को केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी ग्रामीण योजनाओं के क्रियान्वयन में योगदान लिया जाए।

4- पूरे देश में मनरेगा कर्मचारियों को उनके पदों के अनुसार एक समान वेतन दिया जाए अभी विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मानदेय निर्धारित है जबकि सभी कर्मी मनरेगा के एक ही एक्ट के अंतर्गत काम कर रहे हैं।

5- मनरेगा कर्मियों को सेवा पुस्तिका का प्रावधान किया जाए इसके लिए आदेश जारी किया जाए।

6- मनरेगा कर्मियों को अस्थाई पदों के समान ही स्वास्थ्य सेवा (ASI) जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा व मुआवजा ईपीएफ कटौती, अनुकंपा के आधार पर नौकरी , विभिन्न प्रकार के भत्ते -- जैसे महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता आदि सरकारी कर्मचारी जैसी की सुविधाएं दी जाए।

7- महात्मा गांधी रोजगार गारंटी परिषद में अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ,नई दिल्ली के प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाए ताकि वह अपनी बातों को सही जगह पर सही रूप से रख सकें।

8- मनरेगा मजदूरों की मजदूरी को महंगाई के अनुसार संशोधित किया जाए अभी वर्तमान बाजार में दैनिक मजदूरी की दर अकुशल मजदूरों की 500 - 600 रूपए हो गई है लेकिन मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बाजार दर से काफी कम दी जा रही है जिससे मनरेगा में काम करने वाले मजदूर मनरेगा से दूर होते जा रहे हैं।