'सेक्सुअल फेवर मांगते थे केरल के सत्ताधारी CPIM के मंत्री' - स्वप्ना सुरेश
केरल गोल्ड स्मगलिंग मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने पूर्व सीपीआईएम मंत्रियों पर सेक्सुअल फेवर मांगने का आरोप लगाया है। सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के तीन प्रमुख नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उनके इन ताजा आरोपों से राज्य में एक नया राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है।
स्वप्ना सुरेश ने पूर्व मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन और पूर्व वित्त मंत्री डॉ थॉमस इसाक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि यह घटना तब की है, जब वह तिरुवनंतपुरम में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के महावाणिज्य दूत में कार्यकारी सचिव पर थीं। वहीं माकपा के ये तीनों शीर्ष नेता केरल में पिछली पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली वाम सरकार का हिस्सा थे।
सुरेश ने टीवी चैनल से बात करते हुए शुक्रवार को कहा, "पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन और देवस्वम बोर्ड के पूर्व मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने मेरे साथ यौन संबंध बनाने को कहा था। उन्होंने इसके लिए मुझसे संपर्क किया था। उन्होंने फोन पर कुछ हद तक अनैतिक व्यवहार किया है, यहां तक कि आमने-सामने भी इसी तरह का व्यवहार किया। इस तरह के पदों पर बैठे लोगों के लिए यह सब शोभा नहीं देता।" स्वप्ना ने आगे कहा, "तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ थॉमस इसाक ने भी यौन संबंध बनाने को कहा था। उन्होंने निश्चित रूप से मुझे आमंत्रित किया था।"
स्वप्ना सुरेश की ओर से माकपा के तीन वरिष्ठ नेताओं पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने रविवार को खारिज कर दिया। वहीं, कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने आरोप लगाया कि वाम मोर्चा हमेशा अपने सदस्यों को बचाने की कोशिश करता है। यहां संवाददाता सम्मेलन में माकपा और भाकपा के राज्य सचिवों ने कहा कि सोना तस्करी के मामले की आरोपी के नए इल्ज़ाम "निराधार" हैं और सत्तारूढ़ मोर्चे के खिलाफ उसके द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों की कड़ी का हिस्सा हैं।
माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा, “इसलिए, उनके हर आरोप का जवाब देने की जरूरत नहीं है। वह पहले भी आरोप लगाती रही हैं और यह उसी का सिलसिला है। जब प्रतिक्रिया देने की जरूरत होगी तो हम जवाब देंगे।” यही बात भाकपा के राज्य सचिव के राजेंद्रन ने भी कही कि वह लगातार आरोप लगा रही हैं और यह (यौन उत्पीड़न का इल्ज़ाम) भी उसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि एक बार वह आरोप लगाने का सिलसिला खत्म करें, तब “हम इन पर जवाब देने पर विचार करेंगे।”
दूसरी ओर, कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ ने कहा कि वाम मोर्चे का रुख तब अलग था, जब सौर घोटाले के एक आरोपी ने ओमन चांडी और अन्य के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए थे। विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कासरगोड में पत्रकारों से कहा, “ माकपा को सोना तस्करी मामले की आरोपी पर कैसे विश्वास नहीं है और वह मौजूदा मामले में उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रही है, लेकिन जब कांग्रेस नेताओं का मामला था, तो उनका दृष्टिकोण अलग था? जैसा कि मैंने पहले कहा था, कभी न कभी आपको अपने कर्मों पर जवाब देना होगा। अब यही हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि अगर वाम मोर्चा यह तर्क दे रहा है कि आरोप झूठे और निराधार हैं, तो इस तरह के मानहानिकारक दावों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? पत्रकार वार्ता के दौरान वाम नेताओं से पूछा गया कि ऐसे मानहानिकारक आरोप लगाने पर सोना तस्करी मामले की आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई, तो गोविंदन ने कहा, “ हम इस पर विचार करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि सोना तस्करी मामले की आरोपी के मुताबिक, उसने ये सारे आरोप प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष लगाए थे। ईडी राजनयिक बैग के जरिए सोने की तस्करी करने के मामले की जांच कर रही है।
दूसरी ओर, सतीशन ने कहा कि सोने की तस्करी की आरोपी ने ईडी के समक्ष ये सभी आरोप लगाए थे, लेकिन वह उसके बयान के आधार पर मामला दर्ज नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि माकपा और केंद्र सरकार के बीच कोई तालमेल है।