रक्तदान के महादान परिकल्पना को साकार करेगा एमबीडीडी 17 सितंबर को भारत सरकार के संयुक्त तत्त्वावधान में एक साथ तीन हजार शिविरों के जरिए रचा जाएगा इतिहास
रक्त किसी मशीन में नहीं बनाया जा सकता। रक्तदान ही इसका एक मात्र निर्मित है। आपातकालीन चिकित्सा से लेकर अन्य उपचार में इसकी आवश्यकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लेकिन रक्त की उपलब्धता इसकी मांग के अनुरूप देश में नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए देश में आज भागीरथ प्रयास की आवश्यकता है। आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन आध्यात्मिक संरक्षण में संचालित अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद इसी तरह का प्रयास 17 सितंबर 2022 को करने जा रही है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने बुधवार को नई दिल्ली के कॉन्स्टिटयूशन क्लब में प्रेसवार्ता में बताया कि भारत सरकार के संयुक्त तत्त्वावधान में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् अपने 58वें स्थापना दिवस एवं आजादी के अमृत महोत्सव पर रक्तदान अमृत महोत्सव के अंतर्गत सेवा और समर्पण की सबसे बड़े रक्तदान अभियान मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के नाम से एक ही दिन में तीन हजार से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन कर नया कीर्तिमान रचने जा रही है। सुखद संयोग है कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी का जन्मदिवस का अवसर भी इसी दिन है। उन्होंने कहा कि वे इस मंच के माध्यम से अपने देश के युवा साथियों से आह्वान करना चाहेंगे कि वे सब भी इस पुनीत प्रयास में भागीदार बनें। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वे मीडिया के जरिए इस महाभियान में
अधिक से अधिक रक्तदाताओं से जुड़ने का आह्वान करते हैं। साथ ही मीडिया से भी इस भागीरथ प्रयास में अपने सहयोग देने की प्रार्थना करते हैं।
भारत के अलावा 22 अन्य देशों में होंगे शिविर
MBDD परामर्शक राजेश सुराणा ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश ने कोविड की जंग को जीता। सम्पूर्ण देश की जनता को वेक्सीनेशन किया गया। अब इस रक्तदान अभियान के माध्यम से सम्पूर्ण भारत में एकता व रक्तदान के प्रति जागरुकता का संदेश प्रसारित करने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभातेयुप जैसी गौरवशाली संस्था को प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया है। मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के राष्ट्रीय संयोजक हितेश भांडिया ने बताया कि आगामी 17 सितंबर को भी लगभग 22 राष्ट्रों में और देश के प्रत्येक शहर, जिला मुख्यालय पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इस महाअभियान के साथ सैकड़ो की संख्या में स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग अभातेयुप को मिलेगा।
अभातेयुप के नाम है पहले भी रक्तदान शिविर लगवाने का रिकॉर्ड
अभातेयुप के राष्ट्रीय महामंत्री पवन मांडोत ने बताया कि संस्था ने 17 सितम्बर 2012 को एक दिन में देश के 276 शहरों एवं कस्बों में 651 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 96,600 यूनिट रक्त संग्रह का कीर्तिमान रचा था। संस्था ने 6 सितंबर 2014 को देश के 286 स्थानों पर 682 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 100212 यूनिट रक्तदान के साथ अपना नाम गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया था। सन् 2016 में एक वर्ष तक निरंतर 366 दिन तक 410 स्थानों पर 468 रक्तदान शिविरों के साथ विश्व के सबसे लंबे समय तक निरंतर चलने वाले रक्तदान अभियान के रूप में इण्डिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। सन् 2020 में कोविड-19 की विकट परिस्थितियों व लॉकडाउन की स्थिति में भारत सरकार के अनुरोध पर 55000 यूनिट रक्तदान एवं एक माह में 2000 प्लाज्मा डोनेशन के साथ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और ग्लोबल रिकॉर्ड एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन, एशिया पेसिफिक रिकॉर्ड्स में अभातेयुप का नाम दर्ज हुआ।
अभातेयुप के बारे में
अभातेयुप मानव सेवा के लिए समर्पित एक गैर सरकारी संगठन है जो समाज और मानव जाति की बेहतरी की दिशा में काम करता है। अभातेयुप आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल प्रेरणा से सेवा, संगठन और संस्कार के विभिन्न आयामों से युवा पीढ़ी को बेहतर इंसान बनने के लिए तैयार करता है। अभातेयुप के मानव सेवा को समर्पित आयाम आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर, नेत्रदान और आचार्य तुलसी जैन हॉस्टल जैसे सेवा के उपक्रम संगठन को ऊंचाइयों की ओर ले जा रहे हैं। जैन संस्कार विधि, सामायिक साधक, तपोयज्ञ, जैन विद्या, सीपीएस, फिट युवा : हिट युवा जैसे संस्कारमूलक उपक्रम की निरंतरता संगठन की मजबूती है। तेरापंथ टास्क फोर्स के रूप में आपदा और विपदा से लड़ने के लिए तेरापंथ के युवकों और किशोरों की टास्क फोर्स एक संगठन के रूप में कार्य कर रही है। भारत सरकार की नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स से प्रशिक्षित युवकों को तेरापंथ टास्क फोर्स में शामिल किया जाता है। विश्व की 86 सर्वाधिक रक्तदाता संस्था के रूप में अभातेयुप का मानव सेवा का एक बड़ा आयाम मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव है। रक्तदान के बड़े अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड संस्था के नाम है। कोरोना काल में भी मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के माध्यम से देशभर में प्लाज्मा डोनेशन करवा कर कई मरीजों की जान बचाई गई।